Tuesday, April 5, 2011

पुलिस को इशारों की भाषा बनी मुसीबत

करनाल:
नारी निकेतन की लड़की के साथ वाणी विकलांग केंद्र में हुए रेप व गर्भपात के मामले की जांच पुलिस के लिए परेशानी बनी हुई है। पीडि़ता के वाणी विकलांग होने के कारण वह आम आदमी की तरह नहीं बोल सकती। 


वह हाथों से इशारे कर अपनी पीड़ा जरूर बताती है, लेकिन इस भाषा को समझने में करनाल पुलिस में कोई सक्षम नहीं है। इसके साथ ही पुलिस को संदेह है कि यदि वाणी विकलांग केंद्र के अध्यापकों से उसकी भाषा को ट्रांसलेट कराते हैं तो वे स्कूल को बदनामी से बचाने के लिए कुछ तथ्यों को छिपा सकते हैैं। इसके अलावा लड़की के परिजनों का पता न होने के कारण उसकी तरफ से कोई सही से पैरवी करने वाला भी नहीं है। यही कारण है कई घंटे बाद भी जांच आगे नहीं बढ़ पाई है।  पूरा मामला एफआईआर दर्ज करने तक सीमित बना हुआ है।

नाबालिग की शादी तो हुई विदाई होगी एक साल बाद



करनाल: 


कलसौरा गांव में सोमवार को एक बारात बिना दुल्हन के ही वापस लौटा दी गई, जिसका कारण लड़की का नाबालिग होना बताया जा रहा है। हालांकि फेरे हो चुके थे, लेकिन लड़की की उम्र 17 वर्ष होने के कारण लड़की की विदाई नहीं हो सकी।

जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने गांव के मौजिज लोगों व पुलिस की सहायता से दोनों परिवारों को समझाया बुझाया और एक साल तक लड़की को ससुराल न भेजने की हिदायत दी।

जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सविता राणा ने बताया कि सोमवार सुबह करीब 11 बजे उन्हें कलसौरा गांव में नाबालिग लड़की के विवाह की सूचना मिली। सूचना मिलने पर वह पुलिस के साथ गांव पहुंची। उनके पहुंचने से पहले लड़की व लड़के के फेरे हो चुके थे, लेकिन उन्होंने गांव के लोगों को बुलाकर लड़की की विदाई रुकवा दी। दोनों परिवारों को बाल विवाह कानून के बारे में समझाया और उनसे शपथ पत्र भी लिए गए हैं कि वे लड़की के बालिग होने तक उसे ससुराल नहीं भेजेंगे। 

ब्याना चौकी में दोनों परिवार के सदस्यों के अलावा गांव के गणमान्य लोगों ने शपथ पत्र पर हस्ताक्षर भी किए हैं। लड़की को ससुराल न भेजा जाए इसके लिए गांव की आंगनबाड़ी वर्कर को लड़की पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा वे स्वयं भी पूरे मामले को फालो करती रहेंगी।