Saturday, February 26, 2011

Placement Fair in Doon Valley Insittute of engg. Karnal


A placement fair is being held in Doon valley Institute of Engg & tech. karnal on 25th & 26th Febuary. Students from all over haryana are going, to participate in this job fair . Companies like Indigo Airlines, Reliance ADA  Bharti - MAXTEL, Reliance Communications and Broadband Devision, Energetic Lightning India Private Limited , RTDS. The companies have invited all the final year B-tech Students. The companies will start proceedings at 9:00 AM. It's a great oppurtunity for students seeking jobs. It's second time doon valley is organizing such good event. Heavy rush is expected to come. Students appearing in job fair must be eligible for:
BE / BTech (ECE, CSE,IT,ME,EEE), BBA, MBA, MCA
Aggregate (%) >= 60 (Graduation, Class XII, Class X)
Passing out in Year 2011.
Institute should be AICTE Approved.

Thursday, February 24, 2011

ग्रामीण पेयजल योजना सबसे पहले करनाल में

करनाल :
 ग्रामीण लोगों को शुद्ध एवं पर्याप्त मात्रा में पेयजल मुहैया करवाने के उद्देश्य से भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल और सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के तहत प्रदेश में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम को प्रयोग के आधार पर चलाने के लिए हरियाणा के करनाल जिला को चुना गया है।

यह जानकारी उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने बुधवार को जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस कार्यक्रम के लिए खंड स्तरीय कमेटी गठित करने के उद्देश्य से आयोजित एक बैठक में दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम और संपूर्ण स्वच्छता अभियान को जिला में सफल बनाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिशा निर्देश तय किए गए हैं। जिसके अन्तर्गत ग्राम स्तर, खंड स्तर व जिला स्तर पर अलग-अलग जागरूकता कमेटियों का गठन किया जाएगा। जो अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को शुद्ध पेयजल एवं सम्पूर्ण स्वच्छता के बारे में जागरूक करेंगे। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष जिला परिषद के चेयरमैन होंगे तथा खंड स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष ब्लॉक समिति के चेयरमैन होंगे।

पाबंदी के बाद भी नहीं रुक रहा पॉलीथिन का इस्तेमाल

पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए पालीथिन के उपयोग पर पाबंदी लगाई गई है, ताकि लोगों का स्वास्थ्य बेहतर रहे। इसके बाद भी जिले में पालीथिन का उपयोग रुक नहीं रहा है। जगह जगह लगे गंदगी के ढेर में पालीथिन ही पालीथिन नजर आ रहे हैं। पालीथिन को लेकर लोग जागरूक नहीं है और जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे तब तक किसी चीज को खत्म करना स्वाभाविक नहीं है। सेक्टर्स में माना जाता है कि पढ़ा लिखा तबका रहता है, लेकिन पालीथिन यहां के लोग भी उपयोग करते हैं। यदि लोग अपने घर से थैला व अन्य सामान लेकर जाएं तो पालीथिन की जरूरत ही न पड़े। यदि ऐसी स्थिति बनती है तो पालीथिन से छुटकारा मिल सकता है। दूसरी ओर संबंधित अधिकारी दुकानों पर पालीथिन की पाबंदी पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं। यदि दुकानों पर पालीथिन बंद हो जाए तो ग्राहक अपने आप ही थैला लेकर आएंगे